मिट्टी के स्वास्थ्य, मांग में पोषक तत्वों की जाँच करे समायोजन से फसलें बच सकती हैं, अनियोजित।

कीटों के लक्षण तलाशें, सावधानी से उसका निरीक्षण करें, पीलापन झेलना उनकी शरारत हो सकती है।

उपचार लागू करें, जैविक अथबा हल्के,एक मेहनती बच्चे की तरह, फसल की रक्षा करें।

मौसम भी निभाता है अहम भूमिका अधिक पानी या सूखा इसका असर डालता है।

उचित सिंचाई, जल्दबाजी बिलकुल न करें जल प्रबंधन यह सुनिश्चित करता है कि फसलें चिपचिपी न हों।

विशेषज्ञों, कृषि विज्ञानियों से बुद्धिमानी से परामर्श लें,किसी भी समस्या का निदान करें, समझौता न करें.

तथा धान  में कीड़े के लगने से पहले ही कीटनाशक का इस्तेमाल करे ताकि फसल में कीड़े ज्यादा न फैले सके।